भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रोकर फ्रैंचाइज़
हमारे देश में एक हज़ार (1000) से भी अधिक सब-ब्रोकर और फ्रैंचाइज़ देश के 100 से अधिक स्टॉक ब्रोकर्स के साथ जुड़े हुए हैं। ऐसा माना जाता ही स्टॉकब्रोकर जितने बड़े वास्तविक स्तर पर उपस्थिति होगा उतना ही बेहतर उसके लिए विक्रय प्रस्ताव अच्छा होता है। भारत में 300 से अधिक स्टॉक ब्रोकर है। भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रोकर फ्रैंचाइज़ को जानने से पहले हमें निष्पक्ष रूप से विभिन्न मानदंडों के आधार पर मापना
सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर फ्रैंचाइज़ के मूलभूत तत्व
इस क्षेत्र में, एक सब-ब्रोकर मुख्य ब्रोकर की ओर से कार्य करता है या मुख्य ब्रोकर की एक शाखा की तरह कार्य करता है। जिसमें उसके पास मुख्य ब्रोकर की हर चीज का उपयोग करने का अधिकार होता है।
जो उसके ग्राहकों को कंपनी के नाम, सोफटवेयर, ट्रेडिग टूल्ज़ और टैकनोलजी सहित कई अन्य सेवाओं के लिए सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने के लिए आवश्यक होता है।
जहां तक भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रोकर फ्रैंचाइज़ का पता लगाने का संबंध है, उस सन्दर्भ में हमने निष्पक्ष रूप से अपनी बात रखने की कोशिश की है। जिसके लिए हमने निम्नलिखित पहलुओं पर ध्यान दिया है: जैसे
- स्टॉक ब्रोकर के सब-ब्रोकर /फ्रेंचाइजी के पार्टनर की वर्तमान संख्या
- रेवेन्यू शेयरिंग करने की प्रतिशत
- बिजनेस मॉडल की संख्या
- प्रारंभिक जमा करने की राशि और अन्य संबंधित लागत
- स्टाफ ट्रेनिंग और मार्केटिग सहायता
- उपयोगकर्ता के द्वारा दी गयी जानकारी
- ब्रांड इक्विटी और रिकॉल
- भविष्य में विकास की क्षमता
अब देखिए, ऊपर सूचीबद्ध 8 मापदंडों में से अधिकांश पहलु निष्पक्ष हैं, जबकि कुछ पहलुओं को गुणात्मक भी माना जा सकता है।
चलिए अब, जल्दी से भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रोकर फ्रैंचाइज़ पर एक नज़र डालते हैं और समझते हैं कि ये स्टॉकब्रोकर उपरोक्त सूचीबद्ध मापदंडों में किस प्रकार कार्य करते हैं।
तो आइए जानते है भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रोकर फ्रैंचाइज़
1. एंजेल ब्रोकिंग फ्रैंचाइज़
भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रोकर फ्रैंचाइज़ में एंजेल ब्रोकिंग पहले स्थान पर आता है। इस कंपनी का नाम (ब्राण्ड) ही इसके सब-ब्रोकिंग पार्टनर्स के लिए क्लाइंट को अपने साथ जोड़ने के रास्तों को आसान बनाने में मदद करता है। इसके आलावा, यह कंपनी के रेवेन्यू को भी बढ़ाता है।
इनके पास देश भर में लगभग 12,000 पार्टनर का एक नेटवर्क है जो उन लोगों के लिए एक ऐसी आसान प्रक्रिया बनाता है जो उनके साथ जुड़ना चाहते हैं। और इससे यह भी पता चलता है कि ब्रोकर ने अपने ऑफलाइन बिक्री चैनलों पर किस तरह और कितना ध्यान केंद्रित किया हुआ है।
एंजेल ब्रोकिग विभिन्न प्रकार के सपोर्ट और ट्रेनिंग पार्टनर्स प्रदान करता है जो उसे भारत देश में सबसे अच्छा सब-ब्रोकर फ्रैंचाइज़ बनने में मदद करते हैं। सब-ब्रोकर के रूप में, इनसे आपको अपने व्यवसाय के लिए मार्केटिग सहायता, तकनीकी सहायता, बैक-ऑफ़िस सहायता आदि मिलेगा।
इसका ब्रांड नाम एक मजबूत ग्राहक नियुक्त करने और फिर उसे सफल बनाने में मदद करता है। यहाँ ब्रोकिंग कंपनी के लिए अधिक ग्राहक का मतलब अधिक रेवेन्यू है और यदि आप अधिक रेवेन्यू उत्पन्न करते हैं, तो आपके रेवेन्यू की संभावना अधिक होती है।
इस तरह के ब्रोकर्स के पास कई तरह के व्यावसायिक मॉडल्स होते हैं, जैसे सब-ब्रोकेरशिप, फ्रैंचाइज़ /मास्टर फ्रैंचाइज़ , अधिकृत व्यक्ति और रिमिसियर आदि।
एंजेल ब्रोकिंग का रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 80:20 जितना अधिक होता है, जो की उसकी कुछ पूर्व निर्धारित स्थितियों के आधार पर है और उन महत्वपूर्ण स्थितियों में से एक प्रारंभिक स्थिति है प्रारंभ में जमा की जाने वाली सुरक्षा राशि।
इसमें शेयर का न्यूनतम प्रतिशत एंजेल ब्रोकिंग द्वारा रखा जाता है जबकि शेयर का उच्च प्रतिशत सब-ब्रोकर द्वारा रखा जाता है।
इसमें सुरक्षा के तोर पर जमा की जाने वाली राशि की सीमा ₹50,000- ₹3,00,000 तक होती है। इनके साथ काम करने के लिए हमें कम से कम ₹50,000 की न्यूनतम सुरक्षा राशि जमा करवाना आवश्यक होता है। जिसके बाद इसमें रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 60:40 होता है।
लेकिन वहीं अगर हम ₹1,00,000 सुरक्षा राशि के तोर पर जमा करवाते ही तो हमारा रवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 70:30 होता है। जिसका मतलब यह है की 70% सब-ब्रोकर अपने पास रखता है और 30% मुख्य ब्रोकर को देता है।
इसी तहर अगर सुरक्षा के तौर पर जमा की जाने वाली राशि की सीमा ₹1,00,000/- से अधिक होती है तो उसमें रेवेन्यू साझाकरण अनुपात बड़ कर 80:20 हो जाता है।
जहां तक भविष्य में वृद्धि की संभावना है, तो पिछले 10 वर्षों से एंजेल ब्रोकिंग लगातार भारत के शीर्ष 10 स्टॉक ब्रोकर्स में से एक है। और वहीं अगर हम स्टॉक ब्रोकिंग उद्योग की गतिशीलता को देखते हुए बात करे तो, इसने हाल ही में फ्लैट-ब्रोकरेज मॉडल पर भी अपना ध्यान केंद्रित किया है।
यहाँ एंजेल ब्रोकिंग की कुछ पाॅजटीव और निगेटिव बातें बताई जा रही हैं, जिन्हें आपको अपने स्टॉक ब्रोकिंग पार्टनर के रूप में किसी को भी चुनने से पहले पता होना चाहिए:
पॉजिटिव (सकारात्मक बातें)
- सुरक्षा के तोर पर जमा की जाने वाली राशि का किफ़ियाती होना
- आकर्षक रेवेन्यू साझाकरण अनुपात के साथ अच्छी कमाई का अवसर मिलना
- एक प्रसिद्ध ब्रांड नाम का होना
- अनुसंधान की गुणवत्ता अच्छी होना
- उच्च स्तर पर ऑफ़लाइन सुविधा के साथ उपस्थित होना
नेगेटिव (नकारात्मक बातें)
- ग्राहक सेवा में सुधार की जरूरत है।
2. आईआईएफएल सब-ब्रोकर
भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ ब्रोकर फ्रैंचाइज़ की पहचान कुछ ऐसे मानदंडों से होती है जो उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए आवश्यक होते हैं। और ऐसे प्राथमिक मानदंडो में सबसे पहला कारक एक स्टॉक शेयरब्रोकर के द्वारा अपने सब-ब्रोकेर्स को दिया जाने वाला रेवेन्यू साझाकरण अनुपात है।
हालांकि आईआईएफएल ब्रोकिग क्षेत्र के सबसे बड़े ब्रांडों में से एक है, यह अपने सब-ब्रोकर्स को एक आकर्षक रेवेन्यू शेयरिंग रेशियो प्रदान करता है। जिसमें उनके रेवेन्यू शेयरिंग रेशियो की सीमा 50% -75% तक होती है।
और हाँ अन्य ब्रोकर्स की तरह, आईआईएफएल भी ब्रोकर के द्वारा सुरक्षा के तोर पर जमा की जाने वाली राशि, उसी क्षेत्र में उस ब्रोकर का पूर्व अनुभव और टारगेट से अधिक रेवेन्यू बनाना, उसकी डील करने की क्षमता आदि के आधार पर ही अपने सब-ब्रोकर के लिए रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो की सीमा का फैसला करता है।
आईआईएफएल का सब-ब्रोकर बनने के लिए सुरक्षा के तोर पर जमा की जाने वाली राशि की सीमा ₹50,000-₹2,00,000 है। आईआईएफएल शुरूआत में अपने सब-ब्रोकर्स को बिना ऑफिस स्पेस के काम शुरू करने की अनुमति देता है।
लेकिन जब उस सब-ब्रोकर के काम का आकार बढ़ता है, तो कुछ आवश्यकताएँ होती हैं; जिन्हें पूरा करना उस सब-ब्रोकर के लिए महत्वपूर्ण होता है।
ब्रोकर अपने सब-ब्रोकेरज को ब्रोकिंग मार्केट में सफलतापूर्वक खड़े रहने के लिए विभिन्न सहायता प्रदान करता है। क्यूँकि ये कंपनी तेजी से बढ़ रही है, इसलिए इस कंपनी के साथ बढ़ने और भारत में सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर फ्रेंचाइजी में से एक बनने का ये शानदार मौका है।
जब हमने पिछली बार देखा था तो, आईआईएफएल के पास भारत के विभिन्न हिस्सों में लगभग 4400 पार्टनर्स की एक ऑफ़लाइन कवरेज थी, जिसके चलते यह देश में सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर फ्रेंचाइजी में से एक बन गया।
अब अंत में, आईआईएफएल के 5 अलग-अलग साझेदारी मॉडल हैं: जैसे
- आईआईएफएल सब ब्रोकर,
- आईआईएफएल फ्रेंचाइज,
- आईआईएफएल मार्केटिग एसोसिएट,
- आईआईएफएल एंटरप्रेन्योर और रिमिसियर।
इस तरह इन सब साँझेदारी मॉडल के साथ-साथ आईआईएफएल उन इच्छुक ब्रोकर्स को एक ऐसा सेट-अप भी प्रदान करता है जो उसके उन ब्रोकर्स को उचित तरीक़े से लचीलापन प्रदान करता है, जो उनके ट्रेडिग क्षेत्र में एक प्रमुख स्टॉक ब्रोकर के साथ अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं।
पॉजिटिव ( सकारात्मक बातें)
- देश भर में एक अच्छे स्तर पर उपस्थिति इनके साथ जुड़ना आसान बनाती है।
- इनके ट्रेडिग प्लेटफॉर्म उच्च गुणवत्ता के हैं।
- इनके अनुसंधान महान गुणवत्ता के है।
- इनके पास एक से अधिक व्यापार मॉडल उपलब्ध है।
नेगेटिव (नकारात्मक बातें)
- इनके ग्राहकों पर लगाए जाने वाला ब्रोकरेज शुल्क दूसरो के अपेक्षाकृत अधिक हैं।
3. मोतीलाल ओसवाल फ्रैंचाइज़
मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग मार्केट में एक पुराना ब्रांड है। इसके पास ग्राहकों के लिए वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है। इस कंपनी का सब-ब्रोकर प्रोग्राम एक विशिष्ट कार्यक्रम होता है।
इसके ब्रोकर्स के पास अधिक मुनाफ़ा देने वाले सब-ब्रोकर हैं, जिनसे इस कंपनी को नियमित और बहुत सारे काम मिलते रहते हैं।
मोतीलाल ओसवाल का नाम भारत के सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर फ्रेंचाइजी के अंतर्गत आता है। इसके सब-ब्रोकर प्रोग्राम की एक अलग श्रेणी होती है जिसमें सब-ब्रोकर या एलीट प्रोग्राम, रिमिसियर, कर्मचारी से उद्यमी और चैनल पार्टनर कार्यक्रम शामिल होते हैं।
इनके पास अपने प्रत्येक ब्रोकर के साथ जुड़ने के लिए अलग-अलग मानदंड /योग्यता होती है।
मोतीलाल ओसवाल के ज्यादातर मॉडलों में, एक सोचने समझने की प्रक्रिया होती है, जहां वे अपने पार्टनर को हर एक महीने में कम से कम एक प्रशिक्षण या वर्कशाॅप प्रदान करते हैं।
क्यूँकि इस तरह की बैठकों में, नए उत्पादों, सेवाओं, व्यावसायिक अपडेट के साथ साथ किसी विशिष्ट बिक्री, और अधिग्रहण से संबंधित प्रश्नों पर चर्चा की जाती है जो उनके पार्टनर्स के पास हो सकते हैं।
इनके द्वारा ब्रोकर को दिया जाने वाला रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 50% -70% की सीमा में होता है। हालांकि, यह सीमा(कर्मचारी से उद्यमी और रिमिसियर मॉडल के मामले में 30% -40% है।
दरअसल, अनुपात का प्रतिशत ग्राहकों के आधार, प्रस्तावित रेवेन्यू, सब-ब्रोकर्स की सौदेबाजी और प्रारंभिक निवेश की राशि के आधार पर तय किया जाता है।
इनके साथ काम करने के लिए ब्रोकर को प्रारंभिक निवेश के लिए ₹3,00,000/- की आवश्यकता होती है।
मोतीलाल ओसवाल ने अपने 5 बिजनेस मॉडल्श के माध्यम से भारत में लगभग 2200 स्थानों पर वस्तिविक उपस्थिति दर्ज करवाई है। यह सक्रिय ग्राहक आधार के साथ सबसे ऊपर के 7 स्टॉकब्रोकरों में से एक है।
इसलिए, इसके ब्रोकर के पास अधिकांश ऐसी चीजें उपलब्ध हैं जो किसी भी ब्रोकर को भारत में सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर फ्रेंचाइजी की सूची में सूचीबद्ध करने के लिए आवश्यक होती हैं।
चलिए अब, हम मोतीलाल ओसवाल की पॉजिटिव और नेगेटिव बातों के बारे में चर्चा करते है।
पॉजिटिव ( सकारात्मक बातें)
- इनके पास ट्रेडिग और निवेश उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है।
- इनका किसी भी ब्रोकर के साथ जुड़ने का एक अलग तरीका होता है।
- इनके पास एक प्रगतिशील ट्रेडिग प्लेटफॉर्म है।
- यह एक लोकप्रिय ब्रांड का नाम है।
नेगेटिव (नकारात्मक बातें)
- इनको अपने मोबाइल एप्लिकेशन में सुधार करने की आवश्यकता है।
4. एडेलवेइस ब्रोकिंग
एडेलवेइस ब्रोकिग सर्वश्रेष्ठ उप-ब्रोकिग फ्रेंचाइजी में एक और नाम है। ब्रोकिग क्षेत्र में 20 से अधिक वर्षों के अनुभव के साथ, कंपनी ने ब्रोकिग ग्राहकों के बीच अपनी एक जगह बनाई हुई है। एडलवाइस के अपने कई अलग-अलग सब-ब्रोकिग प्रोग्राम हैं।
अब तक, यह अपने विभिन्न क्षमताओं वाले 1000 से अधिक पार्टनर्स के माध्यम से भारत देश के 1, 2 और 3 टियर शहरों में लगभग 300 से अधिक स्थानों पर वास्तविक स्तिथि में उपस्थित है।
अगर आप अपने आपको इसका पार्टनर बनाना चाहते हो तो एडलवाइस ब्रोकिग आपको 3 अलग-अलग मॉडल उपलब्ध करवाता है जैसे एडलवाइस फ्रैंचाइज़ के मालिक, पार्टनर और एलायंस.
इन सभी मॉडल्, में इनकी अपनी एक लागत शामिल होती है जो रेवेन्यू शेयरिंग करने का प्रतिशत तय करती है।
आप के अनुमान लगाने के लिए , जैसे फ्रैंचाइज़ मॉडल में पंजीकरण करने के लिए एक्सचेंज पंजीकरण लागतों के अलावा लगभग ₹2,00,000 की प्रारंभिक राशि भी जमा करवानी पड़ सकती है।
लेकिन बाक़ी दो मॉडल्स में प्रारंभिक लागत शून्य होती है, और इसी तरह इन दोनो मॉडल्ज़ में रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो दूसरे मॉडल्स के मुक़ाबले काफ़ी कम होता है।
उदाहरण के लिए, एडलवाइस फ्रैंचाइज़ रेवेन्यू की साझेदारी सीमा अभी 60:40 की है, जहां पूरे महीने के कुल ब्रोकरेज का 60% पार्टनर रखता है और बाकी ब्रोकर के पास जाता है।
पॉजिटिव ( सकारात्मक बातें)
- एक ऐसा ब्रांड का नाम जो सबको पता है।
- एक से अधिक साझेदारी के लिए व्यापार मॉडल्ज़ का उपलब्ध होना ।
- कई उत्पाद और सेवाए प्रदान करना।
- एडलवाइस द्वारा विभिन्न प्रकार के सपोर्ट प्रदान किये जाते है।
नेगेटिव (नकारात्मक बातें)
- दूसरो की तुलना में कम रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो होना ।
5. ज़ेरोधा फ्रेंचाइज़
ज़ेरोधा, एक तरह का डिस्काउंट ब्रोकर है जो अपने व्यवसाय का तेजी से विस्तार कर रहा है। इसके पास अपने पार्टनर को देने के लिए कई ऑफर उपलब्ध हैं जो इसे सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर की फ्रैंचाइज़ में से एक बनाता है।
यह अपने दो अलग-अलग मॉडल अर्थात बिजनेस पार्टनर और क्लाइंट टू क्लाइंट मॉडल के माध्यम से ब्रोकर को अपने साथ जुड़ने के अवसर प्रदान करता है।
जैसे की हमें पता है ज़ेरोधा एक विशेष तरह का डिस्काउंट ब्रोकर है, इसलिए, उसे अपने बिजनेस मॉडल के अनुसार कार्य करने के लिए किसी भी स्थान पर वास्तविक रूप से उपस्थित होना आवश्यकता नहीं है। और इसी तरह इसके पार्टनर को भी विशिष्ट स्थानों पर वास्तविक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है।
ज़ेरोधा के साथ, आप भी एक पार्टनर के रूप में कार्य कर सकते हैं, जिसके लिए आपको कोई भी ऑफिस खोलने की आवश्यकता नहीं है।
इसमें बिजनेस करने के लिए आपको बस ब्रोकर को लीड प्रदान करने की आवश्यकता होती है, जिसे उन क्लाइंट द्वारा दी गयी ब्रोकरेज की राशि के आधार पर आपको हर महीने एक विशिष्ट कमीशन मिलता है।
- अगर ब्रोकरेज < ₹1 लाख (कम) है तो, रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 20:80 होता है इसका मतलब यह है की 20% पार्टनर अपने पास रखता है।
- अगर ब्रोकरेज ₹ 1 लाख <= 3 लाख(के बीच) है तो , रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 30:70 होता है।
- अगर ब्रोकरेज ₹ 3 लाख <= 5 लाख, के (बीच) है तो , रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 40:60 है।
- और वही अगर ब्रोकरेज > = 5 लाख (से अधिक होती) है तो , रेवेन्यू शेयरिंग रेश्यो 50:50 है।
इसके साथ कार्य करने का एक मूल मंत्र है जितनी ज़्यादा ब्रोकरेज होगी उतना ही अधिक आपका हिस्सा होगा।
इनके साथ पार्टनर बने में सबसे अच्छी ये बात होती है की बस आपको इनको व्यापार करने के लिए लीड प्रदान करने की आवश्यकता होती है और बाक़ी बचा हुआ सारा काम जैसे सेल्स कॉल, क्लाइंट अधिग्रहण, सर्विसिग, आदि की देख रेख का प्रबंध ब्रोकर द्वारा किया जाता है।
पॉजिटिव ( सकारात्मक बातें)
- कार्य करने के लिए किसी ऑफिस स्थान की आवश्यक नहीं होती।
- कार्य करने के लिए किसी प्रकार के कोई निवेश की आवश्यक नहीं होती।
- कार्य करने के लिए हर तरह से बैक ऑफ़िस सपोर्ट प्रदान करता है।
नेगेटिव (नकारात्मक बातें)
- इन्हें अपने मोबाइल ऐप और ग्राहको की सेवा के तरीक़ों में सुधार करना होगा।
ऊपर बतायी गयी ये 5 सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर फ्रैंचाइज़ आपको उनके साथ काम करने और एक सफल उद्यमी बनने का अवसर प्रदान करती हैं।
यदि आप भारत में सबसे सर्वश्रेष्ठ सब-ब्रोकर फ्रैंचाइज़ में से किसी एक के साथ जुड़ना चाहते हैं और सब-ब्रोकर बनना चाहते हैं, तो हम अगले कदमों को आगे बढाने में सहायता करेंगे। बस नीचे दिए गए फाॅर्म में कुछ डिटेल भरें:
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