सब-ब्रोकर कितना कमाता है?

सब ब्रोकर कितना कमाता है – क्या यह पहला सवाल था जो आपके दिमाग में आया था जब आपने सब-ब्रोकर बनने के बारे में सोचा था?

खैर, यह एक बहुत ही सामान्य सवाल है जो एक व्यक्ति को किसी भी बिजनेस को शुरू से पहले दिमाग में आता है।

हालांकि, जब सब-ब्रोकिंग बिजनेस की बात आती है, तो यह वित्त के क्षेत्र में सबसे अच्छे व्यवसायों में से एक है। हम यह इसमें कम शुरआती निवेश, स्टॉकब्रोकर के अधिक समर्थन, कम जोखिम आदि के कारण कह रहे हैं। यह एक लोकप्रिय ब्रांड नाम के तहत काम करने का अवसर भी प्रदान करता है।

लेकिन फिर, मिलियन डॉलर का सवाल यह है कि सब-ब्रोकर कमाता कितना है? आप इसका उत्तर जरुर जानना चाहेंगे, क्योंकि किसी भी बिजनेस को करने का मुख्य उद्देश्य अधिक लाभ कमाना होता है, खासकर यदि आप सब-ब्रोकर बनना चाहते हैं तो?

एक सब-ब्रोकर अपने ग्राहक के प्रत्येक लेनदेन द्वारा उत्पन्न कमीशन के माध्यम से एक निश्चित प्रतिशत या निश्चित राशि कमाता है।

एक सब-ब्रोकर स्टॉकब्रोकर और ग्राहक के बीच एक मध्यस्थ होता है जो स्टॉकब्रोकर की ओर से काम करता है, आप उतना ही कमा सकता है जितना आपके पास ग्राहक हैं। यदि सब-ब्रोकर का ग्राहक आधार मजबूत है, तो सब-ब्रोकर की आय भी अधिक होगी।

चूंकि सब-ब्रोकर द्वारा अर्जित कमीशन प्रति लेनदेन पर ग्राहकों द्वारा भुगतान किए गए ब्रोकरेज शुल्क पर आधारित होता है, इसलिए एक सब-ब्रोकर ग्राहकों द्वारा लगाए गए ब्रोकरेज शुल्क का एक हिस्सा कमाता है।

इसलिए, सबसे पहले, ब्रोकरेज शुल्क के बारे में समझना महत्वपूर्ण है

ब्रोकरेज शुल्क: यदि कोई ट्रेडिंग ग्राहक शेयर बाजार में व्यापार करना चाहता है, तो वह स्टॉकब्रोकर या सब-ब्रोकर के पास जाएगा। ये पार्टियां ग्राहक से उनके द्वारा किए जाने वाले लेन-देन के लिए सेवा शुल्क लेगी। उस शुल्क को ब्रोकरेज शुल्क कहा जाता है। ‘

सब-ब्रोकर कितना कमाता है: ब्रोकरेज गणना करने की विधि

यह समझने के लिए कि सब-ब्रोकर कितना कमाता है, इस गणना के पहले चरण को समझना आवश्यक है। इसकी शुरुआत सब-ब्रोकर द्वारा उत्पन्न ब्रोकरेज की गणना से होती है।

एक सब-ब्रोकर द्वारा लिया जाने वाला ब्रोकरेज शुल्क की गणना चार विशिष्ट तरीकों के माध्यम से की जाती है। या हम कह सकते हैं कि चार मॉडल हैं जो एक सब-ब्रोकर के ब्रोकरेज शुल्क की गणना करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

यहां ब्रोकरेज गणना के विभिन्न तरीकों की सूची दी गई है:

  • प्रतिशत आधारित
  • एकमुश्त
  • दोनो का मिश्रण
  • निश्चित मूल्य ब्रोकरेज

आइए पहले प्रतिशत के आधार पर ली जाने वाली ब्रोकरेज से शुरुआत करते हैं। सब-ब्रोकर की कमाई की गणना करने का यह एक बहुत ही सरल और सामान्य तरीका है। हम इसे एक उदाहरण की मदद से समझ सकते हैं।


प्रतिशत आधारित  विधि :

इस मॉडल में, सब-ब्रोकर और ग्राहक के बीच ब्रोकरेज का प्रतिशत तय किया जाता है। उस निश्चित प्रतिशत को ग्राहक द्वारा ब्रोकरेज शुल्क के रूप में लिया जाता है।

मान लीजिए, मोना नाम के एक ग्राहक का कंपनी XYZ लिमिटेड के साथ डीमैट अकाउंट है। इस मामले में, सब-ब्रोकर की कमाई की गणना निम्नानुसार की जाएगी।

मान लें कि XYZ लिमिटेड का ब्रोकरेज शुल्क कुल कारोबार का 0.10% है। मोना ने एबीसी कंपनी के 100 शेयर 500 रु के हिसाब से खरीदे। तो, लेन-देन पर कुल कारोबार (100 * 500) = 50,000 होगा।

इसलिए, ब्रोकरेज शुल्क 50,000 का 0.10% = 50 रु होगा।

याद रखें कि यह इस व्यापार से उत्पन्न कुल ब्रोकरेज है और उप-ब्रोकर कितना कमाता है यह दोनों पक्षों के बीच तय किए गए प्रतिशत  हिस्सेदारी यानी सब-ब्रोकर और स्टॉकब्रोकर के बीच हुई बात पर निर्भर करता है।


एकमुश्त विधि :

इस मॉडल के तहत, एक निश्चित प्रतिशत के बजाय, ब्रोकरेज के रूप में एकमुश्त राशि तय की जाती है। यह राशि सब-ब्रोकर द्वारा तय की जाती है।

मान लीजिए, एबीसी लिमिटेड पहले से ही एक निर्धारित राशि के बारे में निर्णय लेता है और ग्राहक को सूचित करता है। मान लिजिए, यह कुल कारोबार के मूल्य की परवाह किए बिना 500 रु है ।

अब, चाहे ग्राहक 5000, 50,000 का कारोबार करता हो या 50 लाख  का ब्रोकरेज शुरुआत में ही रु 500 की निश्चित राशि तय हो गई है।


दोनो का मिश्रण :

इस विधि में, एक सब-ब्रोकर के ब्रोकरेज शुल्क की गणना करने के लिए एकमुश्त विधि और निश्चित प्रतिशत विधि दोनों का उपयोग किया जाता है।

मान लें कि कुल कारोबार का मूल्य रु 1,00,000 है।

इस विधि के अनुसार, 40,000 रु तक के कारोबार पर ब्रोकरेज शुल्क एकमुश्त आधार पर लिया जाएगा अर्थात पूर्व-निर्धारित मूल्य लिया जाएगा मान लीजिए यह 1,000 है।और शेष राशि (1,00,000-40,000) पर यानी 60,000 पर ब्रोकरेज शुल्क @ 0.3% लगेगा।

इस प्रकार , इस विधि के तहत उत्पन्न कुल ब्रोकरेज (1, 000 रु + 180 रु) = 1080 रु होगी ।


निश्चित मूल्य ब्रोकरेज :

यह ब्रोकरेज गणना की अंतिम विधि है। इस विधि के तहत, एक स्पष्ट राशि सब-ब्रोकर द्वारा ब्रोकरेज शुल्क के रूप में ली जाती है। प्रतिशत या कुल कारोबार राशि के बजाय उनके द्वारा एक निश्चित राशि तय की जाती है।

कुछ ब्रोकर प्रति ट्रेड 10 रुपये चार्ज करते हैं, अन्य 20 चार्ज कर सकते हैं। यह मूल रूप से एक ब्रोकर से दूसरे के लिए उनके व्यावसायिक लक्ष्यों और उद्देश्यों के आधार पर भिन्न होता है।

उपरोक्त चर्चा से, मूल बात (ब्रोकरेज फीस या ब्रोकर शुल्क) के बारे में पता चलता है कि सब-ब्रोकर कितना कमाता है।

आगे बढ़ते हुए, हम चर्चा करेंगे कि एक सब-ब्रोकर कितना कमाता है?

हालांकि अधिकांश मामलों में, स्टॉकब्रोकर सीधे ग्राहक से ब्रोकरेज शुल्क वसूलता है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि सब-ब्रोकर को कुछ भी नहीं मिलेगा।

सब-ब्रोकर ब्रोकरेज के पूर्व-निर्धारित प्रतिशत कमाते हैं। आम तौर पर, यह 40% से 70% होता है। स्टॉकब्रोकर की प्रतिष्ठा, सब-ब्रोकर द्वारा प्राप्त लक्ष्य, सब-ब्रोकर का शुरआती निवेश आदि के आधार पर मुख्य ब्रोकर ब्रोकरेज हिस्सेदारी का प्रतिशत तय करता है।

मख्य ब्रोकर ब्रोकरेज हिस्सेदारी का कम प्रतिशत रखता है जबकि सब-ब्रोकर हिस्सेदारी का अधिकतम प्रतिशत कमाता है यही कारण है कि सब-ब्रोकर ब्रोकरेज  उत्पन्न करने के लिए कड़ी मेहनत करता है।


सब-ब्रोकर कितना कमाते हैं- उदाहरण

मान लें कि ग्राहक को प्रतिशत के आधार पर लेनदेन के लिए लगाया गया ब्रोकरेज 1,000 रु है। मान लें कि ब्रोकरेज साझा करने का सहमत 60% है, तो सब-ब्रोकर का हिस्सा रु 1,000 का 60% रु 600 प्रति लेनदेन होगा।

उपरोक्त उदाहरण के अनुसार, अगर सब-ब्रोकर के ग्राहकों की कुल संख्या 20 है। तो, सब-ब्रोकर के प्रति लेनदेन की कुल औसत कमाई 6OO * 20 = 112000 होगी।

नोट : एक सब-ब्रोकर ब्रोकर(कमीशन) से कमाता है, वे सीधे ग्राहकों से ब्रोकरेज चार्ज नहीं कर सकता हैं।

सब-ब्रोकर कितना कमाता है: विचार करने योग्य बातें

किसी भी स्टॉकब्रोकर के साथ हाथ मिलाने से पहले, आपको आदर्श रूप से पहले इन बिंदुओं पर विचार करना चाहिए।

  • सबसे पहले, आपको स्टॉक ब्रोकर जिसके साथ आप हाथ मिलाने का फैसला कर रहे हैं द्वारा प्रस्तावित रेवन्यु शेयरिंग रेश्यो की तुलना उद्योग में अन्य ब्रोकर के साथ करनी चाहिए। क्योंकि रेवन्यु का प्रतिशत हिस्सा ही सब-ब्रोकर की कमाई तय करता है।
  • सब-ब्रोकर कितना कमाता है, यह सब-ब्रोकर के मौजूदा ग्राहक आधार पर निर्भर करता है। अधिक ग्राहक का अर्थ है अधिक कमाई।
  • भावी ग्राहको का उचित ध्यान रखे । शेयर बाजार में निवेश के लाभों के बारे में उन्हें उचित शिक्षा प्रदान करें।
  • सुरक्षा जमा / शुरआती निवेश, कार्यालय का किराया, टेलीफोन का खर्च, इंटरनेट कनेक्शन, और अन्य विविध खर्चों की राशि।

उपरोक्त चर्चा से, यह स्पष्ट है कि सही स्टॉक ब्रोकर के साथ हाथ मिलाने और और ग्राहक आधार को मजबूत बनाने से, एक सब-ब्रोकर अच्छा कमीशन कमा सकता है।

यदि आप एक सब-ब्रोकर या स्टॉकब्रकिंग पार्टनर बनना चाहते हैं, तो आगे के कदम उठाने में हम आपकी सहायता कर सकते है:

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